ज़िंदगी को भी तो हमसे यूँ गिला हो जैसे दर्द उसको भी मोहब्बत में मिला हो जैसे। ज़िंदगी को भी तो हमसे यूँ गिला हो जैसे दर्द उसको भी मोहब्बत में मिला हो जैसे।
क्या इसी को मैं समझूँ अब तुम्हारी मोहब्बत का इशारा ! क्या इसी को मैं समझूँ अब तुम्हारी मोहब्बत का इशारा !
प्यार मोहब्बत को पढ़ना आसान नहीं। मोहब्बत की परिभाषा समझना बच्चों का खेल नहीं। इस राह पर वो ही ... प्यार मोहब्बत को पढ़ना आसान नहीं। मोहब्बत की परिभाषा समझना बच्चों का खेल नहीं।...
तोड़ लूँ मैं तुम्हारे पीठ पर लदे आसमान की रंगीनियाँ भर लूँ अपनी ज़िंदगी में वो सारे रंग। तोड़ लूँ मैं तुम्हारे पीठ पर लदे आसमान की रंगीनियाँ भर लूँ अपनी ज़िंदगी में व...